अमरकंटक की पहाड़ी - मध्य प्रदेश Amarkantak ki pahadi - madhy pradesh
हेलो दोस्तों में pinky palashiya एक महत्वपूर्ण लेख लेकर आ रही हु इस लेख में हम आपको मध्य प्रदेश का एक महत्वपूर्ण पर्वत अमरकंटक से समबन्धित जानकारी को इस लेख में रखेंगे . इसमें हम अमरकंटक की पहाड़ी - मध्य प्रदेश Amarkantak ki pahadi - madhy pradesh से समबन्धित जानकारी को देखेंगे .
सतपुड़ा की पहाड़ी
भारत के मध्य भाग में एक राज्य है जिसका नाम मध्य प्रदेश है मध्य प्रदेश में विशेष रूप से तिन पर्वत श्रंखलाये है विन्ध्याचल पर्वत श्रंखला , सतपुड़ा पर्वत श्रंखला और अरावली पर्वत श्रंखला फैली हुई है
- सतपुड़ा पर्वत श्रंखला पश्चिम से पूर्व की और फैला हुआ है
- यह श्रंखला मध्य पदेश के दक्षिण में है
- सतपुड़ा पर्वत में मुख्यता राजपिप्लिया , महादेव पर्वत , बुरहानपुर , बडवानी , की पहाड़िया मुख्यता है
- सतपुड़ा पर्वत की सर्वोच्य चोटी धुपगढ़ है जिसकी उचाई 1350 मीटर है
अमरकंटक पर्वत का विस्तार
भारत का हृदय प्रदेश जो मध्य प्रदेश के नाम से जाना जाता है मध्य प्रदेश की एक महत्वपूर्ण छोटी जो अमरकंटक नाम से जानी जाती है आज हम अमरकंटक के बारे में बात करें
अमरकंटक पर्वत कहा फैला हुआ है बताइए
अमरकंटक एक ऐसा स्थान है जहां से मुख्य रूप से तीन नदियां का उद्गम होता है जिसमें मध्य प्रदेश की सबसे बड़ी नदी नर्मदा नदी सोन नदी जिसका समापन गंगा नदी में होता है और अगली नदी जोहिला नदी है यह एक ऐसा स्थान है जहां से तीन नदियों का उद्गम माना जाता है।
अमरकंटक जो पहाड़ी है वह विंध्याचल पर्वत और सतपुड़ा पर्वत के मिलन बिंदु से मैकाल पर्वत का उद्गम होता है नेपाल पर्वत जहां से अमरकंटक पहाड़ी दिखाई देती है यह अमरकंटक पहाड़ी स्थित है।
अनूपपुर जिले में स्थित एक नगर है यह बिना पर्वत माला हो सतपुड़ा पर्वतमाला के मिलन क्षेत्र पर मैकाल पर्वतमाला में स्थित है यहां से नर्मदा नदी, सोन नदी , और नदी का उद्गम , होता है हिंदू धर्म का पवित्र तीर्थ स्थल माना जाता है
अमरकंटक - सतपुड़ा पर्वत
अमरकंटक नर्मदा नदी सोन नदी और झूला नदी का उद्गम स्थल माना जाता है या हिंदुओं का पवित्र स्थल है मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले का लोकप्रिय तीर्थ स्थल माना जाता है
अमरकंटक पहाड़ी की कहानी
पुराने ग्रंथो के अनुसार माता सती के दो अंग इस क्षेत्र में गिरे थे अतः यह क्षेत्र दो शक्ति पीटों का क्षेत्र होने के कारण अति पवित्र माना जाता है उन दो स्थानों में से एक सोनमुड़ा पर सोन नदी के उद्गम स्थल के पास है एवं दूसरा मां नर्मदा के उद्गम के पास स्थित देवी पार्वती जी का मंदिर भी स्थापित किया गया है यह समुद्र तल से 1065 मीटर ऊंचे इस स्थान पर ही मध्य भारत के विन्ध्य और सतपुड़ा की पहाड़ियों का मेल होता है
नदियों का प्रवाह क्षेत्र
नर्मदा नदी यहां से पश्चिम की तरफ और सोन नदी पूर्व दिशा में बहती है यहां के खूबसूरत झरने पवित्र तालाब ऊंची पहाड़ियां और शांत वातावरण सेलानियो को मंत्र मुक्त करती है।
अमरकंटक का स्थान बहुत ही विशेष रहा है भगवान शिव की पुत्री नर्मदा जीवनदायनी नदी के रूप में यहां से बहती है माता नर्मदा को समर्पित यहां के अनेक मंदिर बने हुए हैं जिन्हें दुर्गा की प्रतिमूर्ति माना जाता है।
नर्मदा कुंड और मंदिर
नर्मदा नदी का उद्गम स्थल के चारों ओर अनेक मंदिर बने हुए हैं इन मंदिरों में नर्मदा और शिव मंदिर कार्तिकेय मंदिर, श्री राम जानकी मंदिर, अन्नपूर्णा मंदिर, गुरु गोरखनाथ मंदिर , श्री सूर्यनारायण मंदिर , बागेश्वर महादेव , मंदिर दुर्गा मंदिर, शिव परिवार सिद्धेश्वर महादेव मंदिर , श्री राधा कृष्ण मंदिर और 11 रूद्र मंदिर जिसे देखने को मिलते हैं
धुनि पानी
अमरकंटक में गर्म पानी का झरना है कहा जाता है कि यह झरना औषधि गुना से संपन्न है और इसमें स्नान करके शरीर के असाध्याय रूप ठीक हो जाते हैं दूर-दूर से लोग इस झरने के पवित्र पानी में स्नान करने के उद्देश्य से आते हैं ताकि उनके तमाम दुखों का निवारण हो सके
दुग्ध धारा
अमरकंटक में दुख धारा नाम का यह झरना काफी लोकप्रिय ऊंचाई से गिरते हुए इस झरने का जल दूध के समान प्रतीत होता है इसलिए इसे दुग्ध धारा के नाम से भी जाना जाता है यह अनूपपुर जिले में स्थित है
कलचुरी काल के मंदिर
नर्मदा कुंड के दक्षिण में कलचुरी काल के प्राचीन मंदिर बने हैं। इन मंदिरों को कलचुरी महाराजा करण देव ने 1041 से 1073 ई के दौरान बनवाया था।
Son Munda son Munda
सोन मुंडा सोन नदी का उद्गम स्थल है यहां से सोन नदी का उद्गम माना जाता है यहां से घाटी और जंगल से दरकी पहाड़ियों के सुंदर दृश्य देखे जा सकते हैं 1.5 किलोमीटर की दूरी पर नेपाल पहाड़ियों के किनारे पर बसा है सोन नदी 100 फीट ऊंची पहाड़ी से एक झरने के रूप में गिरती है
मां की बगिया
मां की बगिया माता नर्मदा को समर्पित है कहा जाता है कि इस हरी भरी बगिया के स्थान से शिव की पुत्री नर्मदा पुष्पों को चूमती थी।
कपिलधारा
नर्मदा नदी पर बनने वाला पहला जल प्रताप है जो अपने उद्गम स्थल से 8 किलोमीटर की दूरी पर बनता है लगभग 100 फीट की ऊंचाई से गिरने वाला कपिलधारा झरना बहुत सुंदर और लोकप्रिय है यहां पर कपिल मुनि ने कई वर्षों तक तपस्या की थी
कबीर चबूतरा
स्थानी निवासियों और कबीर पंक्तियों के लिए कबीर चबूतरे का बहुत महत्व है कहा जाता है कि संत कबीर ने कई वर्षों तक इसी चबूतरे पर ध्यान लगाया था कहा जाता है कि इसी स्थान पर भक्त कबीर जी और सिखों के पहले गुरु नानक देव जी मिलते थे।
दोस्तों इस लेख में हमने आपके लिए हमने अमरकंटक की पहाड़ी से सम्बंधित जानकारी को इस लेख में रखा है जिसमे आप अमरकंटक की पहाड़ी - मध्य प्रदेश Amarkantak ki pahadi - madhy pradesh सतपुड़ा की पहाड़ी अमरकंटक पर्वत का विस्तार अमरकंटक पर्वत कहा फैला हुआ है बताइए