असीरगढ़ की पहाड़ी - मध्य प्रदेश - asirgarh ki pahadi madhya pradesh
हेलो दोस्तों में pinky palashiya आज फिर आपके लिए एक महत्वपूर्ण जानकारी को इस लेख में हम आपके लिए यह लेख को लेकर आ रहे है इस लेख में आपको असीरगढ़ की पहाड़ी - मध्य प्रदेश - asirgarh ki pahadi madhya pradesh से सम्बंधित जानकारी देखने को मिलेगी जिससे आप बहुत ही आसानी से इस पहाड़ी के बारे में जानकारी देख सकते है
अस्रिगढ़ की पहाड़ी
भारत में वैसे कई पर्वत श्रंखला है कई पर्वत है लेकिन कुछ ऐसे भी पर्वत है जिनकी जितनी भी तारीफ करे उतना ही कम है यह पहाड़ी आपने आप में ही एक विशेष महत्त्व रखती है जिससे की उस पर्वत की ख्याति और भी बदती है आज हम ऐसे ही एक पर्वत की बात कर रहे आहे जो मध्य प्रदेश का पर्वत है जिसका नाम अस्रिगढ़ है
असीरगढ़ पर्वत की जानकारी
मध्य प्रदेश जो भारत का हदय प्रदेश है यहा पर सतपुड़ा पर्वत जो मध्य प्रदेश के दक्षिण में है यह पर्वत पश्चिम मध्य प्रदेश से प्रारंभ होता है और यह बुरहानपुर दर्रे के साथ सीमा साझा करती है या यु कहे के यह अस्रिगढ़ की पहाड़ी खंडवा और बुरहानपुर जिले में आती है
- अस्रिगढ़ का किला मध्य प्रदेश के लिए विशेष महत्त्व रखता है
- यह यु कहे के यह सम्पूर्ण भारत के लिए विशेष महत्त्व रखता है
- इस किले की यह विशेषता है की इसे दक्षिण भारत की आखरी विजय भी कहा जाता है
- इसके बाद यहा पर अकवर का करिव 1601 और 1602 का अंतिम आक्रमण भी माना जाता है
- इतिहास कार का मानना है की अगर किसी ने अस्रिगढ़ के किले को जित लिया तो समझ लो उसने दक्षिण भारत के सभी राज्यों को जित लिया है यह माना जाता है
भारत का एक महत्वपूर्ण राज्य जिसे हृदय प्रदेश भी कहा जाता है जिसका नाम मध्य प्रदेश है इसे मध्य भारत भी कहा जाता है मध्य प्रदेश का एक प्रसिद्ध किला जिसे असरिगढ़ का किला भी कहा जाता है
अकबर की आखिरी विजय अभियान
असीरगढ़ के किले को अकबर का आखिरी विजय अभियान भी माना जाता है इतिहासकारों का कहना है कि अकबर ने अपनी आखिरी विजय अभियान असरिगढ़ में लाकर समाप्त किया था और इसके बाद उसने फिर कोई युद्ध नहीं किया
अस्रिगढ़ का किला कहा है
असीरगढ़ मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले में एक ऐतिहासिक किला है असीरगढ़ किला बुरहानपुर से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर उत्तर दिशा में सतपुड़ा पहाड़ियों के शिखर पर स्थित है असीरगढ़ का जो किला है वह समुद्र तल से 250 फुट की ऊंचाई पर स्थित है
असीरगढ़ किले की विशेषता
वर्तमान में असीरगढ़ का किला आज भी पहले जैसा ही दिखाई देता है जैसे पहले बना हुआ था यह अपने वैभवशाली अतीत का बखान करता है इस किले की गणना विश्व विख्यात किलो के साथ की जाती है इसे दक्षिण का द्वार या दक्षिण की कुंजी के नाम से भी जाना जाता है इतिहासकारों का मानना है कि अगर इस किले पर विजय प्राप्त कर ली तो दक्षिण का द्वार खुल जाता है और संपूर्ण खानदेश पर अपना अधिकार हो जाता है।
महाभारत काल से सम्बंधित
इस किले की विशेषता में महाभारत के वीर योद्धा गुरु द्रोणाचार्य के पुत्र अश्वत्थामा की अमृत की गाथा से संबंधित यह किला माना जाता है बुरहानपुर के गुप्तेश्वर मंदिर के समीप एक सुंदर सुरंग है जो असीरगढ़ तक जाती है ऐसा कहा जाता है कि पर्वों के दिन अश्वत्थामा ताप्ती नदी में स्नान करने आते हैं और बाद में गुप्तेश्वर की पूजा कर अपने स्थान पर लौट जाते हैं
असीरगढ़ किले का निर्माण
असीरगढ़ किले का निर्माण कुछ इतिहासकार रामायण काल का भी बताते हैं इसके बाद कुछ इतिहासकारों का मानना है कि मोहम्मद कासिम के कथा अनुसार इसका निर्माण यादव वंश के छतरी राजा आशा अहीर ने करवाया था वह गायों की रक्षा करने के लिए एक ऊंचे स्थान को देखना चाहता था इसलिए इस किले का निर्माण करवाया
असीरगढ़ किले का रहस्य
इतिहासकारों का मानना है की असीरगढ़ के लिए में शिव मंदिर में अश्वत्थामा आज भी पूजा करने आते हैं और यह भी माना जाता है इस किले में आज तक कोई रात नहीं रह पाया है ऐसी मान्यता है पुराने ज़माने के लोग इस बारे में बताते है
असीरगढ़ का मंदिर
मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले में असीरगढ़ किले में भगवान शिव को समर्पित एक प्राचीन मंदिर है
असीरगढ़ का किला किसने बनवाया
असीरगढ़ का किला 15वीं शताब्दी की शुरुआत में आशा अहीर नाम के राजा ने बनवाया था
दोस्तों इस लेख में हमने आपके लिए मध्य प्रदेश का एक विशेष किला अस्रिगढ़ के किले के बारे में जानकारी आपके सामने शेयर की है असीरगढ़ की पहाड़ी - मध्य प्रदेश - asirgarh ki pahadi madhya pradesh असीरगढ के किले का रहस्य असीरगढ़ किला कहा पर है असीरगढ़ का किला किसने बनवाया है